बाबा मस्तनाथ जी की स्तुति 


जय गुरु देव अखिल अविनाशी , त्रिभुवन दाता घट घट वासी |
अगम अगोचर अंतर्यामी , मस्तनाथ गुरुदेव नमामि ||
सिद्ध  सिरोमणि ब्रहम स्वरूपा, नाथ निरंजन अलख अनूपा |
ज्ञान वैराग परम पद गामी, मस्तनाथ गुरुदेव नमामि ||
जटा मुकुट सृवंदिती कुंडल ,भस्म अंग अखंडित निश्चल|
नाद जनेऊ भूषित श्वामी ,मस्तनाथ गुरुदेव नमामि ||
अगम अगोचर भावातीतं , मनो निरोधी त्रिगुण रहितम|
गोरक्ष काया आत्मा रामी, मस्तनाथ गुरुदेव नमामि || 



यह बाबा मस्तनाथ जी की आरती है इसका हमें नित्य पथ करना चाहिए ||
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