बाबा मस्तनाथ जी की आरती 

 ॐ जय मस्तनाथ हरे बाबा जय मस्त नाथ हरे|
भक्त जनों के संकट पल मैं दूर करे ||
बाबा जय मस्त नाथ हर 
 जो सुमरे सो पर तीरे दुख नस्त होवे मन के|
सद बुद्धि मिले भक्तों को त्रिताप मिटे मन के ||
बाबा जय मस्त नाथ हर 
कम्बल पुष्प लिए खड़े तुम सम नहीं दूजा |
अगियानी है शिवानी स्वीकार करो पूजा ||
बाबा जय मस्त नाथ हर 
बाबा मस्तनाथ जी की आरती जो कोई नर गावे |
अन धन विद्या बुद्धि ये चरों पावे ||
बाबा जय मस्त नाथ हर
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